📅 दिनांक: 20 जुलाई 2025
📆 दिन: रविवार
🗓️ विक्रम संवत: 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
🗓️ शक संवत: 1947
☀️ अयन: दक्षिणायन
🌧️ ऋतु: वर्षा ऋतु
🗓️ मास: श्रावण (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार आषाढ)
🌑 पक्ष: कृष्ण पक्ष
📌 तिथि: दशमी दोपहर 12:12 तक, इसके बाद एकादशी आरंभ
🌟 नक्षत्र: कृत्तिका रात्रि 10:53 तक, फिर रोहिणी
🔯 योग: गण्ड रात्रि 09:48 तक, तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहुकाल: शाम 05:43 से 07:22 तक
🌅 सूर्योदय: सुबह 06:08
🌇 सूर्यास्त: शाम 07:21
🧭 दिशाशूल: पश्चिम दिशा
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🚩 आज के व्रत एवं धार्मिक निर्देश:
🔸 रविवार का विशेष महत्व:
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, रविवार को स्त्री-सहवास, तिल का तेल खाना और शरीर पर लगाना वर्जित है।
मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग का सेवन भी निषेध है।
काँसे के बर्तन में भोजन करना भी वर्जित माना गया है।
🔸 धार्मिक पूजन एवं नियम:
स्कंद पुराण के अनुसार, रविवार को बिल्व वृक्ष की पूजा करने से ब्रह्महत्या जैसे पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
चतुर्मास के दौरान तांबे व काँसे के पात्रों का प्रयोग टालें और अन्य धातुओं के बर्तन उपयोग करें।
पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना चतुर्मास में पापनाशक माना गया है।
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📌 नोट: धर्म और आस्था के अनुसार जीवन में संयम, संयमित आहार और पर्यावरण संतुलन के प्रतीक ये नियम, मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि के लिए अत्यंत लाभकारी हैं।
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